लोन नहीं भर पा रहे लोगों को RBI का झटका, लोन रिकवरी के लिए बड़ा आदेश

RBI New Orders(आरबीआई नया आदेश): आजकल महंगाई और आर्थिक तंगी के इस दौर में लोन लेना आम हो गया है। चाहे घर खरीदना हो, गाड़ी लेनी हो या बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे चाहिए हों, लोग आसानी से बैंक से लोन ले लेते हैं। लेकिन जब किस्तें चुकाने की बात आती है, तो कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं कि लोग लोन चुका नहीं पाते। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन रिकवरी को लेकर एक नया और बड़ा आदेश जारी किया है, जिसने उन लोगों की चिंता बढ़ा दी है जो पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।

RBI New Orders: क्या है इसमें खास?

RBI ने हाल ही में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे लोन रिकवरी के लिए सख्त कदम उठाएं। इसका मतलब है कि अब जो लोग लोन की किश्तें समय पर नहीं चुका पा रहे हैं, उन पर दबाव और बढ़ सकता है।

मुख्य बिंदु:

  • तेजी से कार्रवाई: अब बैंकों को यह अधिकार दिया गया है कि वे डिफॉल्ट करने वालों के खिलाफ जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई करें।
  • रिकवरी एजेंट्स की भूमिका: बैंकों को अब रिकवरी एजेंट्स को और सक्रिय करने की अनुमति दी गई है।
  • संपत्ति जब्त करने के आदेश: लंबे समय से बकाया लोन वालों की संपत्ति जब्त करने के लिए प्रक्रियाओं को तेज किया गया है।

आम आदमी पर असर: क्या बढ़ेगी परेशानियां?

इस नए आदेश का सबसे बड़ा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर हैं या जिनकी नौकरी चली गई है। खासकर मिडल क्लास और लोअर मिडल क्लास परिवारों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है।

कहानी से समझिए:
रवि, जो एक छोटे शहर में रहता है, ने अपनी बेटी की शादी के लिए बैंक से पर्सनल लोन लिया था। कोविड के बाद उसकी नौकरी चली गई और अब वह लोन की किश्तें नहीं चुका पा रहा। RBI के इस नए आदेश के बाद रवि पर दबाव और बढ़ गया है, और उसे डर है कि कहीं बैंक उसकी जमा-पूंजी वाली जमीन न जब्त कर ले।

लोन रिकवरी प्रक्रिया: कैसे काम करती है?

लोन रिकवरी का मतलब होता है बैंक द्वारा दिए गए उधार को वापस लेना। जब कोई व्यक्ति या कंपनी समय पर लोन नहीं चुकाती, तो बैंक और वित्तीय संस्थान कई चरणों में रिकवरी की प्रक्रिया अपनाते हैं।

  1. पहला नोटिस: लोन की किस्तें मिस होते ही बैंक सबसे पहले एक नोटिस भेजता है।
  2. रिकवरी एजेंट्स की नियुक्ति: अगर नोटिस के बाद भी भुगतान नहीं होता, तो बैंक रिकवरी एजेंट्स को नियुक्त करता है।
  3. कानूनी कार्रवाई: अगर फिर भी लोन नहीं चुकाया गया, तो बैंक कोर्ट में मामला दर्ज करवा सकता है।
  4. संपत्ति जब्ती: आखिरी कदम में, डिफॉल्टर की संपत्ति को जब्त कर नीलामी के जरिए लोन वसूला जाता है।

कैसे बच सकते हैं लोन रिकवरी से?

अगर आप भी लोन नहीं चुका पा रहे हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ उपाय अपनाकर आप इस समस्या से निकल सकते हैं:

  • बैंक से बातचीत करें: सबसे पहले अपने बैंक से संपर्क करें और अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बताएं। कई बार बैंक रीपेमेंट प्लान में बदलाव कर देते हैं।
  • लोन री-स्ट्रक्चरिंग: RBI के कुछ प्रावधानों के तहत, आप लोन री-स्ट्रक्चरिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे आपके लोन की शर्तों में ढील मिल सकती है।
  • ईएमआई में बदलाव: आप अपनी ईएमआई को कम करने के लिए अवधि बढ़ाने का विकल्प चुन सकते हैं।
  • सेकंड इनकम सोर्स: अगर संभव हो तो कोई दूसरा इनकम सोर्स ढूंढें जिससे आप लोन की किश्तें चुका सकें।

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क्या यह आदेश सही है? विशेषज्ञों की राय

कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि यह आदेश जरूरी था क्योंकि बैंकों को भी अपने नुकसान से बचाने की जरूरत है। अगर लोग लोन नहीं चुकाएंगे तो बैंकों की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ सकती है। वहीं, कुछ लोग इसे आम आदमी पर बोझ बढ़ाने वाला कदम मानते हैं।

वित्तीय सलाहकार का कहना है:
यह आदेश बैंकों के लिए अच्छा है, लेकिन सरकार को ऐसे लोगों के लिए भी कुछ राहत योजनाएं लानी चाहिए जो असहाय हैं और जानबूझकर लोन नहीं चुकाने की बजाय मजबूरी में ऐसा कर रहे हैं।”

RBI के इस नए आदेश से लोन लेने वालों को सतर्क हो जाना चाहिए। अगर आप लोन ले चुके हैं या लेने की सोच रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आपकी रीपेमेंट क्षमता है। बिना योजना के लोन लेना भविष्य में बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।

क्या करें:

  • लोन लेने से पहले अच्छी तरह से सोचें और अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करें।
  • समय पर किश्तें चुकाएं और अगर परेशानी हो तो तुरंत बैंक से संपर्क करें।

क्या न करें:

  • लोन की किश्तें टालना या अनदेखा करना सबसे बड़ी गलती हो सकती है।
  • रिकवरी एजेंट्स से उलझने से बचें, इससे मामला और बिगड़ सकता है।

अंतिम शब्द

इस नए आदेश से साफ है कि अब लोन लेने से पहले दस बार सोचने की जरूरत है। यह कदम बैंकों को मजबूत बनाने के लिए है, लेकिन आम आदमी पर इसका असर भी गहरा पड़ेगा। इसलिए वित्तीय समझदारी दिखाएं और जिम्मेदारी से लोन लें, ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी से बचा जा सके।

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