Ganga Expressway (गंगा एक्सप्रेसवे) : आज के दौर में तेज़ और सुगम यातायात हर किसी की जरूरत बन चुका है। इसी कड़ी में भारत सरकार लगातार नए हाईवे और एक्सप्रेसवे बना रही है। खासकर उत्तर प्रदेश सरकार अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इसी सिलसिले में गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार अब हरिद्वार तक किए जाने की घोषणा हुई है। इस प्रोजेक्ट से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लाखों लोगों को फायदा होगा। आइए, जानते हैं गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ी पूरी जानकारी, रूट मैप और इससे मिलने वाले लाभ।
Ganga Expressway क्या है?
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विकसित एक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, जिसे यूपी के कई शहरों को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाएगा, लेकिन अब इसे उत्तराखंड के हरिद्वार तक बढ़ाया जा रहा है।
मुख्य विशेषताएं:
- कुल लंबाई: पहले 594 किमी थी, अब हरिद्वार एक्सटेंशन के साथ बढ़कर लगभग 700 किमी हो जाएगी।
- लेन: 6-लेन का निर्माण हो रहा है, जिसे भविष्य में 8-लेन तक बढ़ाया जा सकता है।
- राज्य: यह एक्सप्रेसवे मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगा, लेकिन अब उत्तराखंड तक भी जाएगा।
- संभावित खर्च: 36,230 करोड़ रुपये (बढ़ी हुई लंबाई के कारण लागत और बढ़ सकती है)।
- अधिकारियों का दावा: यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की तरह भारत के सबसे तेज़ एक्सप्रेसवे में से एक होगा।
गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तारित रूट – किन जिलों से गुजरेगा?
गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार के बाद, यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई जिलों से होकर गुजरेगा। नीचे इसका संभावित रूट दिया गया है:
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| क्रम संख्या | जिला | मुख्य शहर |
|---|---|---|
| 1 | मेरठ | मेरठ सिटी |
| 2 | हापुड़ | हापुड़ |
| 3 | अमरोहा | अमरोहा |
| 4 | संभल | संभल |
| 5 | बदायूं | बदायूं |
| 6 | शाहजहांपुर | शाहजहांपुर |
| 7 | हरदोई | हरदोई |
| 8 | उन्नाव | उन्नाव |
| 9 | रायबरेली | रायबरेली |
| 10 | प्रतापगढ़ | प्रतापगढ़ |
| 11 | प्रयागराज | प्रयागराज |
| 12 | हरिद्वार (उत्तराखंड) | हरिद्वार |
इस विस्तार के बाद दिल्ली, पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के लोगों के लिए हरिद्वार जाना आसान हो जाएगा।
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गंगा एक्सप्रेसवे के बनने से क्या फायदे होंगे?
गंगा एक्सप्रेसवे सिर्फ एक सड़क नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के आर्थिक, सामाजिक और पर्यटन क्षेत्र में क्रांति लाने का काम करेगा।
1. यात्रा का समय बचेगा
- मेरठ से हरिद्वार की यात्रा मात्र 2.5 से 3 घंटे में पूरी हो सकेगी।
- प्रयागराज से हरिद्वार जाना पहले 10-12 घंटे लगता था, अब सिर्फ 5-6 घंटे लगेंगे।
2. पर्यटन और धार्मिक यात्राओं को बढ़ावा
- हरिद्वार में सालभर लाखों श्रद्धालु आते हैं, जिससे ट्रैफिक की समस्या होती थी। अब इस एक्सप्रेसवे से यह आसान हो जाएगा।
- कांवड़ यात्रा, कुंभ मेला और गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के यात्रा कर सकेंगे।
3. आर्थिक गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा
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- एक्सप्रेसवे के किनारे नए इंडस्ट्रियल हब और लॉजिस्टिक्स पार्क बनने की संभावना है।
- मेरठ, अमरोहा, शाहजहांपुर जैसे इलाकों के छोटे कारोबारियों को बड़ी मंडियों तक आसानी से पहुंच मिलेगी।
4. रोजगार के नए अवसर
- निर्माण के दौरान हजारों लोगों को काम मिलेगा।
- एक्सप्रेसवे के किनारे ढाबे, होटल, पेट्रोल पंप, वेयरहाउस जैसी सुविधाएं विकसित होने से स्थायी रोजगार मिलेगा।
5. सुरक्षित और आधुनिक यात्रा
- एक्सप्रेसवे को स्मार्ट रोड टेक्नोलॉजी से लैस किया जाएगा, जिससे सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकेगा।
- हाइवे पर सीसीटीवी कैमरे, मेडिकल सुविधा और पेट्रोलिंग की व्यवस्था होगी।
किसानों और व्यापारियों के लिए क्या फायदा?
गंगा एक्सप्रेसवे केवल यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि किसानों और व्यापारियों के लिए भी एक वरदान साबित होगा।
- किसानों के लिए: उनके उत्पाद दिल्ली और अन्य बड़े बाज़ारों तक जल्दी पहुंचेंगे, जिससे उन्हें ज्यादा मुनाफा मिलेगा।
- व्यापारियों के लिए: छोटे व्यापारियों को लॉजिस्टिक्स खर्च कम करने में मदद मिलेगी, जिससे व्यापार बढ़ेगा।
उदाहरण के तौर पर, मेरठ के एक गन्ना किसान राजेश चौधरी का कहना है कि इस एक्सप्रेसवे से उनकी फसल सीधे उत्तराखंड के चीनी मिलों तक जल्दी पहुंच सकेगी, जिससे उन्हें बेहतर दाम मिलेंगे।
क्या इस एक्सप्रेसवे से टोल वसूला जाएगा?
हाँ, गंगा एक्सप्रेसवे पर टोल वसूला जाएगा, लेकिन इसका निर्धारण अभी नहीं हुआ है। अनुमान है कि प्रति किलोमीटर यात्रा के लिए टोल दर 1.5 से 2.5 रुपये प्रति किमी हो सकती है। हालाँकि, इससे यात्रा की सुविधा और बचत को देखते हुए यह शुल्क उचित रहेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार हरिद्वार तक होने से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लोगों को जबरदस्त फायदा मिलेगा। इससे यात्रा आसान और तेज होगी, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, व्यापार में वृद्धि होगी और हजारों नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अगर आप पश्चिमी यूपी या उत्तराखंड के रहने वाले हैं, तो यह एक्सप्रेसवे आपके लिए एक वरदान साबित हो सकता है।
सरकार इस प्रोजेक्ट को 2025 तक पूरा करने की योजना बना रही है। अगर सब कुछ समय पर हुआ, तो आने वाले समय में यह भारत के सबसे बेहतरीन एक्सप्रेसवे में से एक होगा।