Circle Rate (सर्किल रेट) : सर्किल रेट वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर किसी क्षेत्र में संपत्ति की खरीद-फरोख्त की जा सकती है। यह दर सरकार द्वारा तय की जाती है और इसे बाजार मूल्य से जोड़ा जाता है। जब सरकार को लगता है कि किसी क्षेत्र में संपत्तियों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन सर्किल रेट अभी भी पुरानी दरों पर बना हुआ है, तो इसे अपडेट किया जाता है।
यूपी के इस जिले में बढ़ेगा Circle Rate
उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के कुछ जिलों में सर्किल रेट में 15 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की जाएगी। इस फैसले का सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो वहां जमीन या प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं।
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सर्किल रेट : किस जिले में होगा सर्किल रेट में इजाफा?
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गाजियाबाद जैसे बड़े शहरों में सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां पिछले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट में तेजी आई है, वहां यह बढ़ोतरी अधिक हो सकती है।
सर्किल रेट बढ़ने से आम आदमी पर क्या असर पड़ेगा?
सर्किल रेट में वृद्धि होने से कई तरह के प्रभाव देखने को मिलेंगे, जिनमें प्रमुख हैं:
- महंगी होगी जमीन और प्रॉपर्टी: जब सर्किल रेट बढ़ता है तो न्यूनतम खरीद मूल्य भी बढ़ जाता है, जिससे संपत्तियों के दाम बढ़ जाते हैं।
- स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क बढ़ेगा: चूंकि स्टांप ड्यूटी सर्किल रेट के आधार पर ली जाती है, इसलिए इसे अधिक चुकाना पड़ेगा।
- रियल एस्टेट निवेश महंगा होगा: जो लोग इन्वेस्टमेंट के लिए जमीन खरीदते हैं, उन्हें ज्यादा पूंजी लगानी होगी।
- आम आदमी पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा: मकान खरीदना पहले से महंगा हो सकता है, जिससे मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लोगों को कठिनाई होगी।
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सरकार सर्किल रेट क्यों बढ़ा रही है?
सरकार द्वारा सर्किल रेट बढ़ाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- बाजार मूल्य और सर्किल रेट में अंतर – पिछले कुछ सालों में संपत्तियों की कीमतें बाजार में तेजी से बढ़ी हैं, लेकिन सर्किल रेट पुराना ही बना हुआ था।
- राजस्व में वृद्धि – राज्य सरकारें स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क से बड़ी आय अर्जित करती हैं। सर्किल रेट बढ़ने से सरकारी खजाने को भी फायदा होगा।
- कालाबाजारी पर रोक – जब बाजार मूल्य और सर्किल रेट में बहुत अंतर होता है, तो लोग सस्ते में रजिस्ट्री कराकर बाकी रकम कैश में देते हैं, जिससे ब्लैक मनी बढ़ती है।
रियल एस्टेट सेक्टर पर क्या असर पड़ेगा?
सर्किल रेट में बढ़ोतरी से रियल एस्टेट सेक्टर पर मिलाजुला असर पड़ सकता है।
सकारात्मक प्रभाव
- रियल एस्टेट कारोबार अधिक पारदर्शी बनेगा।
- बाजार मूल्य और सरकारी दरों का अंतर कम होगा, जिससे अवैध लेन-देन घटेगा।
- सरकार का राजस्व बढ़ेगा, जिससे आधारभूत संरचना के विकास में तेजी आएगी।
नकारात्मक प्रभाव
- प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो सकता है, जिससे बिक्री में कमी आ सकती है।
- निम्न और मध्यम वर्ग के लिए मकान खरीदना कठिन हो सकता है।
- छोटे रियल एस्टेट निवेशकों पर अधिक वित्तीय दबाव पड़ सकता है।
क्या यह सही समय है प्रॉपर्टी खरीदने के लिए?
अगर आप उस जिले में प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं जहां सर्किल रेट बढ़ने वाला है, तो यह निर्णय सोच-समझकर लें। अगर सर्किल रेट बढ़ने से पहले रजिस्ट्रेशन करा लिया जाए तो कुछ पैसे बच सकते हैं। लेकिन, अगर आप निवेश के लिए खरीद रहे हैं, तो यह देखना जरूरी होगा कि भविष्य में संपत्ति का मूल्य कितना बढ़ सकता है।
रियल लाइफ उदाहरण:
रवि, जो लखनऊ में एक मध्यम वर्गीय नौकरीपेशा व्यक्ति हैं, पिछले कुछ महीनों से एक छोटा सा प्लॉट खरीदने की योजना बना रहे थे। लेकिन जब उन्होंने सुना कि लखनऊ में सर्किल रेट 20% बढ़ने वाला है, तो उन्होंने जल्दी से अपनी डील फाइनल की और रजिस्ट्रेशन करा लिया। इससे उन्हें लगभग 50,000 रुपये की स्टांप ड्यूटी बचाने में मदद मिली।
सर्किल रेट बढ़ने से बचने के लिए क्या कर सकते हैं?
अगर आप सर्किल रेट बढ़ने के कारण अतिरिक्त खर्च से बचना चाहते हैं, तो कुछ उपाय कर सकते हैं:
- जल्द से जल्द प्रॉपर्टी खरीदें – अगर आप खरीदने की योजना बना रहे हैं तो नए सर्किल रेट लागू होने से पहले खरीदारी कर लें।
- कम लागत वाले क्षेत्रों में विकल्प देखें – अगर बजट अधिक नहीं है, तो उन इलाकों में प्रॉपर्टी देखें जहां सर्किल रेट में कम बढ़ोतरी हो रही है।
- रियल एस्टेट सलाहकार से परामर्श लें – प्रॉपर्टी खरीदने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें ताकि सही निर्णय लिया जा सके।
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में सर्किल रेट 15 से 25 प्रतिशत तक बढ़ने वाला है, जिससे प्रॉपर्टी के दामों में भी बढ़ोतरी हो सकती है। यह आम आदमी के लिए चुनौती बन सकता है, लेकिन सरकार इसे पारदर्शी रियल एस्टेट लेन-देन के लिए जरूरी मानती है। अगर आप जमीन या मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप सही समय पर निर्णय लें ताकि अनावश्यक अतिरिक्त खर्च से बचा जा सके।