BCCI New Rules (बीसीसीआई नए नियम) : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनका सीधा असर भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों की निजी जिंदगी पर पड़ सकता है। खासकर, टीम के स्टार खिलाड़ी रोहित शर्मा और विराट कोहली की पत्नियां—रीतिका सजदेह और अनुष्का शर्मा—इन नियमों की वजह से प्रभावित हो सकती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब उन्हें अपने पतियों से दूर रहना पड़ेगा? आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।
BCCI New Rules और उनकी वजह
BCCI समय-समय पर टीम के अनुशासन और प्रदर्शन को सुधारने के लिए नए नियम लागू करता रहता है। इस बार बोर्ड ने खिलाड़ियों की निजी यात्राओं और उनके परिवार के साथ बिताए जाने वाले समय को लेकर सख्त नियम बनाए हैं।
- खिलाड़ियों के साथ परिवार के ठहरने पर सख्ती – अब खिलाड़ियों के टूर पर उनके परिवार के साथ रुकने की अनुमति सीमित कर दी गई है।
- सीमित मुलाकातें – खिलाड़ियों के लिए यह नियम बनाया गया है कि वे दौरे के दौरान अपने परिवार से केवल तय समय पर मिल सकते हैं।
- स्ट्रिक्ट बायो-बबल और अनुशासन – खिलाड़ियों को अपने फिटनेस और प्रदर्शन पर ध्यान देने के लिए और अधिक सख्ती से बायो-बबल का पालन करना होगा।
- मानसिक और शारीरिक फिटनेस – बोर्ड ने यह फैसला खिलाड़ियों की मेंटल हेल्थ और फिटनेस को ध्यान में रखते हुए लिया है, ताकि वे पूरी तरह से खेल पर फोकस कर सकें।
रोहित-विराट पर क्या असर पड़ेगा?
अब यह सवाल उठता है कि इन नियमों का रोहित शर्मा और विराट कोहली की निजी जिंदगी पर क्या असर होगा?
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1. रीतिका सजदेह और रोहित शर्मा
रोहित शर्मा और उनकी पत्नी रीतिका सजदेह एक-दूसरे के बेहद करीब हैं। रीतिका को अक्सर स्टेडियम में मैच के दौरान रोहित को सपोर्ट करते हुए देखा जाता है। लेकिन नए नियमों के तहत वह अब कम मौकों पर रोहित के साथ रह पाएंगी, जिससे उनकी निजी जिंदगी प्रभावित हो सकती है।
2. विराट कोहली और अनुष्का शर्मा
विराट कोहली और अनुष्का शर्मा भी हमेशा एक-दूसरे को सपोर्ट करते रहे हैं। अनुष्का अक्सर टीम इंडिया के साथ विदेशी दौरों पर जाती रही हैं। लेकिन अब नए नियमों के चलते उन्हें विराट से सीमित समय के लिए ही मिलने का मौका मिलेगा।
बीसीसीआई नए नियम क्या ये नियम सही हैं?
इन नियमों के लागू होने के पीछे BCCI की सोच यह है कि खिलाड़ियों का ध्यान पूरी तरह से खेल पर रहे। लेकिन कई लोग इसे खिलाड़ियों की निजी जिंदगी में दखल मान सकते हैं।
नियमों के फायदे
- खिलाड़ियों का ध्यान पूरी तरह से क्रिकेट पर रहेगा।
- टीम का अनुशासन बना रहेगा।
- मेंटल और फिजिकल फिटनेस बेहतर होगी।
- बायो-बबल का सही तरीके से पालन होगा, जिससे खिलाड़ी सुरक्षित रहेंगे।
नियमों के नुकसान
- खिलाड़ियों की निजी जिंदगी प्रभावित होगी।
- लंबे दौरे पर खिलाड़ियों का परिवार से दूर रहना मुश्किल हो सकता है।
- मानसिक तनाव बढ़ सकता है, जिससे परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है।
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क्या खिलाड़ियों को इस पर ऐतराज है?
अब तक किसी खिलाड़ी ने खुलकर इन नियमों का विरोध नहीं किया है, लेकिन अंदर ही अंदर यह चर्चा जरूर हो रही है कि इतने कड़े नियम जरूरी हैं या नहीं।
- विराट कोहली पहले भी फैमिली टाइम के पक्षधर रहे हैं – जब वे भारतीय टीम के कप्तान थे, तब उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि खिलाड़ियों को अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलना चाहिए।
- रोहित शर्मा का भी यही विचार – रोहित भी परिवार के साथ समय बिताने को जरूरी मानते हैं और हमेशा अपनी पत्नी और बेटी के साथ वक्त बिताने की कोशिश करते हैं।
अन्य क्रिकेट बोर्डों के नियमों से तुलना
BCCI के नियम जितने सख्त हैं, वैसे ही कुछ अन्य क्रिकेट बोर्डों ने भी अपने खिलाड़ियों के लिए सख्त नियम बनाए हैं। आइए, देखते हैं कि अन्य देशों में क्या नियम लागू हैं:
| देश | परिवार को साथ लाने का नियम | खिलाड़ियों की प्राइवेसी पर असर |
|---|---|---|
| ऑस्ट्रेलिया | सीमित अनुमति | हल्का प्रभाव |
| इंग्लैंड | कुछ दौरों पर अनुमति | निजी जीवन प्रभावित नहीं |
| दक्षिण अफ्रीका | खिलाड़ियों पर निर्भर | कम प्रभाव |
| न्यूजीलैंड | फैमिली-फ्रेंडली अप्रोच | बहुत कम प्रभाव |
| पाकिस्तान | सख्त नियम | प्रभाव ज्यादा |
स्पष्ट है कि BCCI ने ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान जैसे बोर्डों की तरह सख्त नियम अपनाए हैं, जबकि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड ने खिलाड़ियों की सुविधा का ज्यादा ध्यान रखा है।
खिलाड़ियों के लिए समाधान क्या हो सकता है?
अगर खिलाड़ियों को अपने परिवार के साथ समय बिताने की जरूरत है, तो कुछ संभावित समाधान हो सकते हैं:
- खिलाड़ियों को ब्रेक दिया जाए – अगर कोई खिलाड़ी लंबे समय से खेल रहा है, तो उसे फैमिली टाइम के लिए कुछ समय दिया जा सकता है।
- विशेष अनुमति का प्रावधान हो – अगर कोई खिलाड़ी मानसिक तनाव महसूस कर रहा है, तो उसे परिवार से मिलने की विशेष अनुमति दी जा सकती है।
- आधिकारिक रोटेशन पॉलिसी – विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों को परिवार के साथ समय बिताने के लिए रोटेशन सिस्टम लागू किया जा सकता है।
BCCI के नए नियम खिलाड़ियों के अनुशासन और फिटनेस के लिहाज से सही हैं, लेकिन इससे उनकी निजी जिंदगी जरूर प्रभावित होगी। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ियों की पत्नियों—रीतिका और अनुष्का—को अब अपने पतियों से लंबे दौरे के दौरान दूर रहना पड़ सकता है। हालांकि, इससे टीम का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर खिलाड़ियों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि BCCI इस मुद्दे पर खिलाड़ियों से चर्चा करे और ऐसे नियम बनाए जो संतुलित हों।