उत्तर प्रदेश में हाल ही में विकसित तीन नेशनल हाईवे ने न सिर्फ ट्रांसपोर्टेशन को आसान बनाया है, बल्कि 195 गांवों के किसानों की जिंदगी में भी बड़ा बदलाव लाया है। जहां पहले किसान अपनी उपज को बाजार तक पहुँचाने में परेशान रहते थे, वहीं अब ये हाईवे उनके लिए समृद्धि का जरिया बन गए हैं। आइए जानते हैं कि ये बदलाव कैसे आया और किसानों की ज़िंदगी में क्या-क्या सुधार हुए।
3 नेशनल हाईवे ने किस तरह बदले किसानों के दिन बहुरे?
किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या होती थी, उनकी फसल को सही समय पर और सही दाम में बाजार तक पहुँचाना। लेकिन, जब से ये तीन नेशनल हाईवे तैयार हुए हैं, किसान अपनी फसल को दूर-दराज के बड़े बाजारों में भी बेच पा रहे हैं, और वो भी अच्छे दामों पर।
- ट्रांसपोर्टेशन में सुधार
- पहले, किसानों को अपने उत्पादों को बाजार तक पहुँचाने के लिए घंटों का समय और ज्यादा खर्च करना पड़ता था।
- खराब सड़कें और लंबा सफर फसलों के खराब होने का खतरा बढ़ा देता था।
- अब, हाईवे बनने के बाद किसान जल्दी और सुरक्षित तरीके से अपने उत्पाद बाजारों तक पहुंचा रहे हैं।
- बेहतर बाजारों तक पहुंच
- हाईवे ने किसानों को सिर्फ लोकल मंडियों तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि अब वो बड़े शहरों के बाजारों तक भी पहुँच पा रहे हैं।
- इससे फसलों के बेहतर दाम मिलने लगे हैं और किसानों की आमदनी में वृद्धि हुई है।
कौन-कौन से हैं ये तीन नेशनल हाईवे?
इन हाईवे ने न केवल किसानों की स्थिति को सुधारा है, बल्कि गांवों के समग्र विकास में भी योगदान दिया है।
- नेशनल हाईवे 731
- यह हाईवे लखनऊ से बहराइच होते हुए नेपाल बॉर्डर तक जाता है।
- इस मार्ग से किसानों को अपने उत्पाद नेपाल तक निर्यात करने का भी मौका मिला है।
- नेशनल हाईवे 330
- यह हाईवे अयोध्या से प्रयागराज को जोड़ता है।
- इस रूट पर किसान अपने गन्ना, गेहूं, और धान को बड़े बाजारों में बेच पा रहे हैं।
- नेशनल हाईवे 27
- यह हाईवे गोरखपुर से कानपुर तक फैला हुआ है।
- सब्जी और फल उत्पादकों को इस हाईवे से सबसे ज्यादा फायदा हुआ है क्योंकि अब उनके उत्पाद जल्दी से जल्दी मंडियों तक पहुँच रहे हैं।
किसानों की असली कहानियां: कैसे बदली ज़िंदगी?
रामलाल यादव, बहराइच रामलाल पहले अपनी गन्ने की फसल को स्थानीय मंडी में बेचते थे, जहाँ उन्हें कम दाम मिलते थे। लेकिन NH-731 के बनने के बाद वो अपनी फसल लखनऊ तक ले जाकर बेचने लगे। इससे उनकी आमदनी दोगुनी हो गई और अब वो अपने बच्चों को शहर के अच्छे स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।
सीता देवी, अयोध्या सीता देवी सब्जी की खेती करती थीं, लेकिन खराब सड़कें और लंबा सफर उनकी उपज को खराब कर देता था। NH-330 बनने के बाद अब वो अपनी ताजी सब्जियां सीधे प्रयागराज के बाजार में बेचती हैं, जिससे उन्हें बेहतर मुनाफा मिलता है।
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क्या-क्या बदलाव आए गांवों में?
- आर्थिक सुधार
- किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है।
- गांवों में नए व्यवसाय शुरू हो रहे हैं जैसे कि कोल्ड स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट सर्विसेज।
- सामाजिक विकास
- बच्चों की शिक्षा में सुधार हुआ है क्योंकि अब माता-पिता के पास अधिक धन है।
- स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच भी आसान हो गई है।
- जमीन की कीमतों में वृद्धि
- हाईवे के आस-पास की जमीनों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं।
- इससे जमीन के मालिकों को फायदा हुआ है और निवेशकों के लिए नए मौके खुले हैं।
सरकार की योजनाओं का योगदान
सरकार ने इन हाईवे के निर्माण के साथ-साथ किसानों के लिए कई योजनाएं भी शुरू की हैं:
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)
- आसान कर्ज सुविधा से किसान अब बेहतर तकनीक और उपकरण खरीद पा रहे हैं।
- पीएम-किसान योजना
- प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) से किसानों को आर्थिक सहायता मिल रही है।
- मंडी सुधार
- हाईवे से जुड़ी नई मंडियों का निर्माण, जिससे किसानों को और भी बेहतर बाजार मिल रहे हैं।
उज्जवल भविष्य की ओर इन तीन नेशनल हाईवे के निर्माण ने साबित कर दिया है कि अच्छी सड़कों का असर सिर्फ ट्रैफिक पर नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी पर भी पड़ता है। 195 गांवों के किसानों ने जो तरक्की देखी है, वो इस बात का प्रमाण है कि इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कैसे आम आदमी की जिंदगी बदल सकता है। आने वाले समय में उम्मीद की जा रही है कि और भी ऐसे प्रोजेक्ट्स से किसानों की स्थिति और बेहतर होगी।