Pension Yojana (पेंशन योजना) : आज के समय में निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के मन में एक सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा कैसे मिलेगी? सरकारी कर्मचारियों को तो पेंशन मिलती है, लेकिन प्राइवेट जॉब करने वालों को इसका लाभ नहीं मिलता था। लेकिन अब सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे प्राइवेट नौकरी करने वालों को भी पेंशन का फायदा मिल सकता है। अगर आपने 10 साल तक नौकरी की है, तो अब आपको भी पेंशन मिलेगी। आइए, इस स्कीम को विस्तार से समझते हैं।
Pension Yojana क्या है और कौन उठा सकता है इसका लाभ?
सरकार ने अटल पेंशन योजना (APY) और EPS (Employee Pension Scheme) जैसी योजनाओं को लागू किया है, जिससे प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को भी पेंशन का लाभ मिल सकता है। इस स्कीम के तहत अगर कोई कर्मचारी 10 साल या उससे अधिक समय तक EPF (Employees’ Provident Fund) में योगदान करता है, तो उसे रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलने लगेगी।
पेंशन योजना : कौन-कौन इस स्कीम का लाभ ले सकता है?
- वे कर्मचारी जो किसी प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे हैं और EPF का सदस्य हैं।
- जिनकी उम्र 58 वर्ष या उससे अधिक हो चुकी है।
- कम से कम 10 साल तक EPF में योगदान दिया हो।
- EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारी।
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EPS (Employee Pension Scheme) कैसे काम करती है?
EPS यानी कर्मचारी पेंशन योजना EPFO के अंतर्गत आती है। इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा देना है।
EPS के तहत मिलने वाली पेंशन के मुख्य बिंदु:
- योग्यता: कर्मचारी को कम से कम 10 साल तक EPF में योगदान देना अनिवार्य है।
- पेंशन की शुरुआत: 58 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद पेंशन मिलनी शुरू होती है।
- पेंशन की गणना: कर्मचारी के अंतिम वेतन और नौकरी के कुल वर्षों के आधार पर पेंशन तय की जाती है।
- न्यूनतम पेंशन: इस योजना के तहत न्यूनतम 1000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है।
EPS पेंशन की गणना कैसे होती है?
EPS में मिलने वाली पेंशन की गणना करने के लिए यह फॉर्मूला इस्तेमाल किया जाता है:
पेंशन = (मासिक वेतन × नौकरी के वर्षों की संख्या) ÷ 70
उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी का औसत मासिक वेतन 15,000 रुपये है और उसने 20 साल तक नौकरी की है, तो उसकी पेंशन होगी:
(15,000 × 20) ÷ 70 = 4,285.71 रुपये प्रति माह
अटल पेंशन योजना (APY) – प्राइवेट सेक्टर वालों के लिए बड़ी राहत
अटल पेंशन योजना (APY) मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए बनाई गई है, लेकिन अगर कोई प्राइवेट नौकरी करने वाला व्यक्ति अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग करना चाहता है, तो वह इस योजना में शामिल हो सकता है।
इस योजना की मुख्य विशेषताएं:
- 18 से 40 साल की उम्र के लोग इसमें शामिल हो सकते हैं।
- मासिक योगदान के आधार पर 60 साल की उम्र के बाद पेंशन मिलती है।
- 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये प्रति माह तक पेंशन का विकल्प।
- अगर खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो पेंशन पति/पत्नी या नॉमिनी को मिलती रहती है।
EPS और APY में क्या अंतर है?
| विशेषता | EPS (Employee Pension Scheme) | अटल पेंशन योजना (APY) |
|---|---|---|
| पात्रता | प्राइवेट नौकरी वाले, जो EPF के सदस्य हैं | कोई भी नागरिक (विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र) |
| योगदान | EPF में 12% योगदान (कर्मचारी + नियोक्ता) | व्यक्ति द्वारा मासिक योगदान |
| पेंशन की शुरुआत | 58 वर्ष के बाद | 60 वर्ष के बाद |
| न्यूनतम पेंशन | 1000 रुपये मासिक | 1000 रुपये से 5000 रुपये मासिक |
| लाभार्थी | EPF के सदस्य | कोई भी, जो योजना में निवेश करता है |
निजी नौकरी करने वालों के लिए यह पेंशन योजना क्यों फायदेमंद है?
बहुत से प्राइवेट जॉब करने वाले लोग रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंतित रहते हैं। लेकिन अब EPS और APY जैसी योजनाएं सुरक्षित भविष्य की राह खोल रही हैं।
इस योजना के लाभ:
- बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा: रिटायरमेंट के बाद आय का एक स्थिर स्रोत मिलेगा।
- नियोक्ता का योगदान: EPS में कर्मचारी का पूरा योगदान नियोक्ता द्वारा किया जाता है।
- कम आय वाले लोगों के लिए सहारा: APY योजना उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो कम वेतन पाते हैं।
- नॉमिनी सुविधा: कर्मचारी के न रहने पर पेंशन परिवार को मिलती रहेगी।
क्या आपको इन योजनाओं में निवेश करना चाहिए?
अगर आप प्राइवेट नौकरी में हैं और भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, तो EPS और APY दोनों ही शानदार विकल्प हो सकते हैं। अगर आप पहले से EPF में योगदान कर रहे हैं, तो EPS का फायदा आपको स्वतः ही मिलेगा। लेकिन अगर आप किसी असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं या खुद की बचत से पेंशन पाना चाहते हैं, तो अटल पेंशन योजना को अपनाना एक समझदारी भरा फैसला होगा।
अगर आप 10 साल तक नौकरी कर चुके हैं और EPF का हिस्सा हैं, तो रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ लेना आपके लिए संभव है। EPS और अटल पेंशन योजना जैसे विकल्पों ने प्राइवेट नौकरी वालों के लिए भी आर्थिक सुरक्षा की राह खोल दी है। इसलिए, अगर आपने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया है, तो जल्द से जल्द अपनी पेंशन योजना पर विचार करें और सुरक्षित भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं।