एकबार पेमेंट के बाद मुफ्त क्रॉस कर पाएंगे टोल, नितिन गडकरी ने बनाया खास प्लान Toll Tax

Toll Tax (टोल टैक्स) : भारत में सड़क यात्रा करने वालों के लिए टोल टैक्स हमेशा से एक अहम विषय रहा है। हर बार टोल प्लाजा पर रुकने, लाइन में लगने और भुगतान करने की झंझट को खत्म करने के लिए सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक नया प्लान तैयार किया है। इस योजना के तहत एक बार भुगतान करने के बाद, वाहन चालकों को बार-बार टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा। आइए इस योजना को विस्तार से समझते हैं।

Toll Tax से जुड़ी मौजूदा समस्या

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफर करने वाले लोगों को हर कुछ किलोमीटर पर टोल प्लाजा का सामना करना पड़ता है। टोल टैक्स से जुड़ी कुछ मुख्य समस्याएं इस प्रकार हैं:

  • यातायात की भीड़: टोल प्लाजा पर कई बार लंबी लाइनें लग जाती हैं, जिससे समय की बर्बादी होती है।
  • ईंधन की खपत: बार-बार ब्रेक लगाने और रुकने से ईंधन की खपत बढ़ जाती है, जिससे वाहन मालिकों को अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है।
  • समय की बर्बादी: टोल प्लाजा पर भुगतान करने में समय लगता है, खासकर जब डिजिटल पेमेंट में नेटवर्क की समस्या आती है।
  • असमान शुल्क: अलग-अलग स्थानों पर टोल टैक्स की दरें अलग-अलग होती हैं, जिससे वाहन चालकों को भ्रम होता है।

टोल टैक्स : नितिन गडकरी का नया टोल सिस्टम – क्या है खास?

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह घोषणा की है कि सरकार एक ऐसा सिस्टम लागू करने जा रही है, जिससे एक बार पेमेंट करने के बाद, पूरे देश में टोल फ्री यात्रा की सुविधा मिलेगी।

इस सिस्टम में क्या होगा?

  1. ट्रैकिंग सिस्टम: जीपीएस आधारित टोल सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे वाहन का लोकेशन ट्रैक होगा और टोल पेमेंट स्वतः कट जाएगा।
  2. एक बार भुगतान की सुविधा: वाहन मालिक एक निश्चित राशि का भुगतान करके लंबे समय के लिए टोल मुक्त यात्रा कर सकेंगे।
  3. स्मार्ट कैमरा टेक्नोलॉजी: टोल प्लाजा पर कैमरा आधारित ऑटोमैटिक पहचान प्रणाली (ANPR) लगाई जाएगी, जिससे फास्टटैग या अन्य किसी मैनुअल प्रक्रिया की जरूरत नहीं होगी।
  4. समय की बचत: इस योजना से लाखों वाहन चालकों का समय बचेगा और ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी।

GPS आधारित टोल कलेक्शन कैसे काम करेगा?

नए टोल सिस्टम में सरकार वाहनों में GPS बेस्ड ट्रैकिंग डिवाइस लगाएगी, जिससे टोल टैक्स अपने आप कट जाएगा। आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं:

विशेषता मौजूदा सिस्टम नया जीपीएस सिस्टम
टोल भुगतान मैनुअल / फास्टटैग GPS ऑटो डिडक्ट
रुकने की जरूरत हां नहीं
समय की बचत कम अधिक
ईंधन की खपत ज्यादा कम
टेक्नोलॉजी RFID / मैनुअल GPS और ANPR

वाहन मालिकों को क्या फायदे मिलेंगे?

इस नई प्रणाली से देश के करोड़ों वाहन चालकों को कई फायदे होंगे:

  • समय की बचत: टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी, जिससे सफर सुगम बनेगा।
  • ईंधन की बचत: वाहन को बार-बार ब्रेक और एक्सीलरेट करने की जरूरत नहीं होगी, जिससे ईंधन की बचत होगी।
  • कम प्रशासनिक खर्च: टोल प्लाजा पर कर्मचारियों की संख्या कम होगी, जिससे सरकार के लिए प्रशासनिक खर्च में भी कमी आएगी।
  • पारदर्शिता: यह पूरी तरह से डिजिटल प्रणाली होगी, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी।

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आम जनता को कैसे मिलेगा लाभ?

सरकार इस योजना को जल्द ही लागू करने वाली है, लेकिन आम जनता को इसे अपनाने के लिए कुछ प्रक्रियाओं से गुजरना होगा:

  1. GPS डिवाइस इंस्टॉलेशन: सरकार वाहनों में एक अनिवार्य GPS डिवाइस लगाएगी, जिसे एक बार इंस्टॉल करने के बाद बार-बार टोल नहीं देना पड़ेगा।
  2. एकमुश्त शुल्क भुगतान: वाहन मालिकों को एक निश्चित अवधि के लिए एकमुश्त भुगतान करना होगा, जिससे वे देशभर में कहीं भी टोल प्लाजा पार कर सकते हैं।
  3. डिजिटल सिस्टम के लिए रजिस्ट्रेशन: वाहन मालिकों को अपनी जानकारी सरकार के पोर्टल पर रजिस्टर करनी होगी।

असल जिंदगी का उदाहरण – कैसे होगा बदलाव?

केस स्टडी:
नाम: राजेश वर्मा (ट्रक ड्राइवर)
समस्या: हर महीने टोल टैक्स में हजारों रुपये खर्च होते हैं और टोल प्लाजा पर लंबी कतारों में फंसना पड़ता है।
नया सिस्टम लागू होने के बाद: राजेश को सिर्फ एक बार GPS डिवाइस इंस्टॉल करानी होगी, और उसके बाद पूरे साल बिना किसी रुकावट के यात्रा कर सकेगा। इससे उसे समय और पैसे दोनों की बचत होगी।

सरकार कब लागू करेगी यह सिस्टम?

नितिन गडकरी ने यह स्पष्ट किया है कि सरकार जल्द ही इस योजना को लागू करने जा रही है। वर्तमान में कुछ हाईवे पर इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है, और 2025 तक इसे पूरे देश में लागू करने की योजना है।

भारत में टोल टैक्स को लेकर हमेशा से यात्रियों को समस्याएं रही हैं, लेकिन नितिन गडकरी का यह नया प्रस्ताव एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। GPS आधारित टोल कलेक्शन से न सिर्फ यात्रियों की परेशानी कम होगी, बल्कि सरकार की राजस्व प्रणाली भी पारदर्शी बनेगी। अगर यह योजना सफल होती है, तो भविष्य में भारत का टोल सिस्टम पूरी तरह से डिजिटल हो सकता है और यात्रा को आसान बना सकता है।

तो तैयार हो जाइए, अब टोल प्लाजा पर रुकने की झंझट खत्म होने वाली है!

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